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संधि किसे कहते हैं(Sandhi Kise Kahate Hain)
दो शब्दों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है या जो परिवर्तन होता है उसको संधि कहते हैं। संधि होने के लिए 2 शब्दों का मेल होना आवश्यक है और जब संधि होती है उस समय पर पहले शब्द का अंतिम वर्ण तथा अंतिम शब्द का पहला वर्ण एक दूसरे के साथ सहयोग करके एक नया वर्ण बनाते हैं।
संधि के उधारण
- देव + आलय = देवालय
- जगत + नाथ = जगन्नाथ
- मन: + योग = मनोयोग
संधि विच्छेद
संधि के नियमों द्वारा मिले हुए शब्दों को फिर से अलग करना संधि विच्छेद कहलाता है. इसमें हम किसी एक शब्द से दो अलग नए शब्द बनाते हैं.
संधि विच्छेद के उदाहरण
- परीक्षार्थी = परीक्षा + अर्थी
- विद्यालय = विद्या + आलय
संधि के भेद
संधि के भेद ज्ञात करने के लिए हमें संधि के पहले वर्ण का स्वरूप देखना होता है। पहले वर्ण के स्वरूप के आधार पर संधि के तीन भेद होते हैं:
- स्वर संधि
- व्यंजन संधि
- विसर्ग संधि
स्वर संधि
संधि का पहला वर्ण यदि स्वर हो तो उसे स्वर संधि कहते हैं।
जैसे: नव + आगत = नवागत
व्यंजन संधि
संधि का पहला वर्ण यदि व्यंजन हो तो उसे व्यंजन संधि कहते हैं।
जैसे: वाक् + ईश = वागीश
विसर्ग संधि
संधि का पहला वर्ण यदि विसर्ग युक्त हो तो उसको विसर्ग संधि कहते है।
जैसे: मन + रथ = मनोरथ
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